नई दिल्ली: आज 100 में 80 फीसदी लोग पतली कमर या 0 फिगर पाने की इच्छा रखते हैं. सैर करना, डाइटिंग करना, जिम जाना.. उनकी इसी इच्छा का एक अंग है. पर आपकी ये तमाम कोशिशें उस समय विफल हो जाती हैं, जब उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिल पाते. फिटनेस हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, खासकर आज क
लड़के, ये वो हैं जिन्हें हमेशा एक गर्लफ्रेंड चाहिए होती है. अगर इनके पास गर्लफ्रेंड नहीं है, तो ये इसके लिए जुगत लगाने लगते हैं. तिनका-तिनका जोडकर अपना जाल बिछाते है कि कभी, कहीं कोई इनके जाल में ऐसे फंसे की छूट न पाए'. आईए नजर ड़़ालते हैं लड़कों के ऐसे ही कुछ चालाक
अप्रैल-मई का महीना आते-आते गर्मी भी अपने चरम पर आ जाती है. और घरों में एसी, कूलर चालू हो जाते हैं. गर्मी में कई लोगों को घर से बाहर फिल्ड में काम करना पड़ता है. ऐसे मे शरीर में पानी की कमी, बहुत ज्यादा गर्मी या और भी कई दूसरे कारणों से लू लग जाती है. गर्मियों में लू लगना
एक अप्रैल आते ही लोगों के दिमाग में दोस्तों को मूर्ख बनाने के लिए कोई ना कोई खुरापात चलने लगती है. हालांकि किसी को फूल बनाने के पीछे मकसद यही होता है कि लोगों के चेहरे पर मुस्कान आए. अप्रैल फूल डे यानि मूर्खता दिवस की शुरुआत कैसे हुई और सबसे पहले इसको कहां व कैसे
नवरात्र तन, मन और आत्मा को स्वच्छ करने का मौका होता है. इस दौरान गेहूं का आटा नहीं, कुट्टू का आटा खाया जाता है. कुट्टू का आटा अनाज नहीं, बल्कि फल से बनता है और अनाज का बेहतर विकल्प होने के साथ पौष्टिक तत्वों भरपूर भी होता है. कुट्टू के आटे के फायदों के बारे में आईएमए
नवरात्रि के नौ पावन दिन शुरू हो चुके हैं. देशभर में इसकी रौनक नजर भी आ रही है. दुनियाभर में मनाए जाने वाले नवरात्रों में लाखों लोग नौ या आठ दिन तक उपवास करते हैं. पूरी श्रद्वा और आस्था के साथ माता की अराधना करते हैं. पर कहीं ऐसा न हो कि उपवास करते करते आप अपनी सेहत क
ये कहा जाए कि गर्मियां आ गई हैं तो गलत नहीं होगा. घरों में पंखे चलने शुरू हो चुके हैं, सर्दियों के तमाम स्वेटर्स, जैकेट, शोल्स सब पैक होकर रखे जा चुके हैं और गर्मियों के कपड़ें, टॉप्स, हील्स निकल चुके हैं. आमतौर पर गर्मियों में ठंडे रंग पहनना काफी मजेदार होता है एक