नई दिल्ली।
भारत ने एक और सफलता प्राप्त की है।भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है। भारतीय सेना द्वारा दक्षिण पश्चिमी कमान सट्राइक वन कोर ने भूमि पर प्रहार करने वाली क्रूज़ मिसाइल प्रणाली से युक्त अत्याधुनिक ब्रह्मोस का लगातार दूसरे दिन सफल परीक्षण किया। सेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में ब्रह्मोस के ब्लॉक-3 लैंड अटैक सिस्टम का बुधवार को सफल परीक्षण किया था इसका पहला परीक्षण मंगलवार को किया गया था।
लगातार सफल परीक्षण ने दुर्जेय हथियारों से मार करने की क्षमता को और मज़बूत किया है। इसी स्थान से लंबी-दूरी तक मार करने वाले सामरिक हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। इसकी मारक क्षमता को भी 290 किलोमीटर से 450 किलोमीटर किया गया। ये लगातार पांचवां मौका है जब ब्रह्मोस के इस वर्जन की टेस्टिंग बिलकुल सफल रही।
बता दें कि 2007 में भारतीय सेना ब्रह्मोस तैनात करने वाली दुनिया की पहली थल सेना बनी थी, उसके बाद से ही सेना ने इस हथियार की कई अन्य श्रेणियां विकसित कर ली है. इस शानदार हथियार को भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओएम ने साथ में मिलकर बनाया है.
यह रही खासियत--
1यह लगातार पांचवां मौका है, जब ब्रह्मोस के ब्लॉक-3 संस्करण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है
2भूमि पर हमला करने के मामले में इसकी श्रेणी के किसी अन्य हथियार ने अभी तक यह उपलब्धि हासिल नहीं की है.
3लगातार सफलतम परीक्षण ने दुर्जेय हथियारों से मार करने की देश की क्षमता को और मजबूत किया है.
4मिसाइल ने कॉपीबुक तरीके से सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए सटीकता के साथ सफलता पूर्वक लक्ष्य पर हमला किया.
5दोनों ही परीक्षणों के दौरान लक्ष्य पर हमले करने के मामले में मिसाइल की सटीकता एक मीटर से भी कम रही