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भोपाल। गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाने और घर वापस छोड़ने के लिए सरकार ने निशुल्क परिवहन व्यवस्था शुरू कर दी है। जननी एक्सप्रेस और 108 एंबुलेंस एकीकृत परिवहन प्रणाली का हिस्सा रहेंगे। जिसका फायदा उन बच्चों को मिलेगा, जो ड्रॉप बैक हो गए हैं। इस संबंध में एकीकृत बाल विकास सेवा संचालनालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों तक लाने में परिजनों को दिक्कत होती थी। कई बार इस इंतजाम के दौरान बच्चे की जान तक चली गई। यह स्थिति सामने आने के बाद सरकार ने जननी एक्सप्रेस और 108 एंबुलेंस को इस काम में लगाया है। अब आशा-उषा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गंभीर कुपोषित बच्चों का डेटा तैयार करेंगी और जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस की व्यवस्था कराएंगी।
विभाग ने दस्तक अभियान में चिन्हित जटिल कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में रेफर करने में प्राथमिकता देने को कहा है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने टोल फ्री नंबर 108 भी जारी किया है। जिस पर कोई भी गंभीर कुपोषित बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस मांग सकता है।
सात जिलों में पुरानी पद्धति
अशोकनगर, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दतिया, डिंडोरी और मंडला में एकीकृत परिवहन प्रणाली शुरू नहीं हो पाई है। इसलिए इन जिलों में ऐसे मामलों में आशा-उषा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिले के कॉल सेंटर के सहयोग से ही वाहन की व्यवस्था कराएंगे।