दतिया. विशेष न्यायाधीश हितेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को मात्र चार दिन में उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में महाभारत के अध्याय का जिक्र करते हुए कहा कि आरोपी झांसी के मोतीलाल अहिरवार को अंतिम सांस तक जेल में रखा जाए।
प्रदेश में यह पहला मामला है, जिसमें दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने महज डेढ़ दिन में ट्रायल खत्म कर चार दिन में फैसला सुनाया। इससे पहले कटनी कोर्ट ने बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को पांच दिन में फांसी की सजा सुनाई थी। एसपी मयंक अवस्थी ने बताया कि ग्राम थरेट में 28 मई को विवाह कार्यक्रम था। 29 मई को तड़के 4 बजे शादी समारोह में जयमाला कार्यक्रम हो रहा था। इसी बीच मोतीलाल बच्ची को दूल्हे की गाड़ी में फूल डालने के बहाने से बहला-फुसलाकर ले गया। उसने स्कूल के बाथरूम में उसके साथ बलात्कार किया था। कोर्ट ने अपराधी पर लगाए अर्थदंड के रूप में 50 हजार रुपए पीड़ित को देने होंगे। इसके अलावा मप्र पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता को सहायता राशि प्रदान करने के भी आदेश दिए। यह राशि पांच लाख रुपए तक हो सकती है।
दूसरा मामला:
जिला कोर्ट के फांसी की सजा के फैसले पर मुहर
जबलपुर. चार साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले आरोपी को मिली फांसी की सजा पर हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में अदालतों की यह सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह समाज को यह बताएं कि कानून ऐसे मुजरिमों का बचाव नहीं कर सकता।
टॉफी का लालच देकर दुष्कर्म किया, फिर हत्या की : शहडोल निवासी विनोद पर आरोप है कि उसने टॉफी और बिस्किट का लालच देकर मासूम की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी थी। 13 मई 2017 को बच्ची अपने दो साल छोटे भाई के साथ अपने घर के आंगन में खेल रही थी। तभी विनोद उसे उठाकर ले गया और दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव कचरे के ढेर में छिपा दिया था। पुलिस ने 15 मई 2017 को राहुल को गिरफ्तार कर लिया था। शहडोल की कोर्ट ने 9 माह की सुनवाई के बाद 28 फरवरी 2018 को फांसी की सजा सुनाई थी।