October 30, 2025
IMG-20250218-WA0031

शिव कुमार की रिपोर्ट

प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे।आंचलिक उपन्यासों से धूम मचाने वाले फणीश्वर नाथ रेणु को आजादी के बाद के प्रेमचंद की उपाधि दी गई है। राम वृक्ष बेनीपुरी, बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान दिया। ‘हिमालय’, ‘तरुण भारत’, ‘कर्मवीर’, ‘जनता’, ‘तूफ़ान’, ‘नई धारा’ आदि पत्रिकाओं का संपादन किया और राष्ट्रप्रेम का अलख जगाते रहे। इनका जीवन तो क्रांतिकारिक गतिविधियों के कारण कारावास में अधिक व्यतित हुआ। इनका उपन्यास ‘पतितों के देश में’ कारावास काल को आधार बना के ही लिखा गया है।प्रगतिवादी कवि नागार्जुन के स्वर में तो व्यंग की धार कुछ अधिक ही है। ख़ुद ही सब कुछ सुनते जाओ, ख़ुद ही सब कुछ कहते जाओ।ठंड लगे तो गुदमा ओढ़ो, भूख लगे तो मक्खन खाओ। राजनीति का लफड़ा छोड़ो, बस, बाबा पर ध्यान जमाओ। आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री,राजा राधिकारमण सिंह,आलोचक नलिन विलोचन शर्मा जैसे असंख्य बिहार के साहित्यकार हैं जिनकी राष्ट्र निर्माण में अप्रतिम भूमिका है।सत्र की मुख्य अतिथि पूर्व विधायक पूर्व प्राचार्य एवं विदुषी रचनाकार प्रोफेसर उषा सिन्हा, नामचीन शायर नसीम अख्तर और अध्यक्ष कमल किशोर वर्मा ने डॉ विद्यासागर उपाध्याय को स्मृति चिन्ह,अंगवस्त्र,स्मारिका और दिनकर वाग्विभूति सम्मान पत्र से सम्मानित किया।कार्यक्रम में भारत और नेपाल के अनेक ख्यातिलब्ध साहित्यकार उपस्थित रहे। डॉ विद्यासागर उपाध्याय को उनकी उपलब्धियों हेतु डॉ सावित्री मिश्रा, डॉ शिवराज पाल सिंह, डॉ विमला व्यास, डॉ अरविन्द कुमार उपाध्याय, डॉ पुलकित कुमार मंडल, डॉ सरस्वती प्रसाद पाण्डेय, डॉ जनार्दन राय, फतेह चंद बेचैन,नन्द जी नन्दा, जितेन्द्र स्वाध्यायी,मुकेश चंचल,मजहर मनमौजी, शैलेन्द्र मिश्र, नवचंद्र तिवारी आदि ने बधाई दिया है।

See also  उपजा पदाधिकारियों ने औपचारिक भेंटकर नवागत जिलाधिकारी को दी बधाई।

Author Profile

अभिषेक मिश्रा
अभिषेक मिश्रा
अभिषेक मिश्रा (सदाशिव मिश्रा ) , प्रधान सम्पादक , मो. 7317718183

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *