 
                *ब्यूरो चीफ*
*शुभम् कुमार बाराबंकी*
*बाराबंकी में निजी अस्पताल की लापरवाही से मरीज की मौत, परिजनों का हंगामा, न्याय की मांग तेज़*
बाराबंकी। जिले में निजी अस्पतालों की लापरवाही से मरीजों की जान पर बन आई है। सिद्धार्थनगर क्षेत्र स्थित शांति अस्पताल में इलाज के दौरान पंकज यादव (38) की मौत ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया और न्याय की मांग उठाई। यह घटना एक परिवार की त्रासदी ही नहीं, बल्कि उन सवालों को भी उजागर करती है जिन्हें प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अनदेखा नहीं कर सकता।इलाज में लापरवाही, रेफर में विलंब और अमानवीय व्यवहार: बिरौली, पोस्ट बिंदौरा, थाना मसौली निवासी पंकज यादव को 14 सितंबर को तेज बुखार की शिकायत पर शांति अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि अगले दिन अस्पताल ने अचानक उनकी हालत गंभीर बताकर लखनऊ रेफर करने का निर्णय लिया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मृतक के भाई ने बताया कि अस्पताल ने मरीज को देखने तक नहीं दिया और बिना किसी उचित परामर्श के एंबुलेंस बुलाकर उन्हें बाहर भेज दिया। इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूले गए, लेकिन न तो समय पर उचित उपचार दिया गया और न ही स्थिति की गंभीरता पर परिजनों को जानकारी दी गई। पंकज अपनी दो नन्ही बेटियों (5 और 2 वर्ष) के लिए अकेले सहारा थे। उनकी असमय मौत ने पूरे परिवार को शोक और असहायता में धकेल दिया है।डॉक्टर की सफाई, पर सवाल बाकी: अस्पताल के चिकित्सक डॉ. हिमांशु वर्मा का कहना है कि जांच में पंकज को डेंगू व मलेरिया पॉजिटिव पाया गया और प्लेटलेट्स कम होने तथा हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई। हालांकि परिजनों का सवाल है। यदि हालत इतनी गंभीर थी तो पहले रेफर क्यों नहीं किया गया? मरीज को परिजनों से दूर रखकर एंबुलेंस में क्यों भेजा गया? इलाज के बावजूद मृत्यु क्यों हुई? इन सवालों का जवाब अस्पताल प्रशासन से चाहिए। पुलिस का हस्तक्षेप, पर जांच अधर में: हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची और परिजनों को समझाकर स्थिति शांत की। लेकिन अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर सख्त कदम उठाए जाएंगे, या मामला फिर दब जाएगा? यह कोई पहला मामला नहीं है। बाराबंकी सहित पूरे प्रदेश में निजी अस्पतालों की लापरवाही से मरीजों की मौत की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इलाज के नाम पर मनमाने बिल, समय पर उपचार का अभाव और चिकित्सकीय लापरवाही से लोगों की जान जोखिम में है।क्या स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों की जवाबदेही तय करेगा? क्या मृतकों के परिवारों को न्याय मिलेगा? क्या प्रशासन इन घटनाओं को गंभीरता से लेकर सख्ती बरतेगा?
इनसेट
परिजनों की मांग “हम चाहते हैं न्याय”
बाराबंकी। पंकज यादव के परिजन अब सिर्फ मुआवजा नहीं, बल्कि न्याय चाहते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। परिवार ने स्पष्ट कहा है कि लापरवाही की वजह सामने लाई जाए और दोषियों को सजा दी जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े। पीड़ित परिवार की पीड़ा को उजागर करते हुए, स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठाती है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रतिनिधियों से अपेक्षा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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- अभिषेक मिश्रा (सदाशिव मिश्रा ) , प्रधान सम्पादक , मो. 7317718183
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